Missiles fired at seven places within 30 minutes; Responded to the deaths of 3 American soldiers
शनिवार सुबह अमेरिका ने इराक और सीरिया में 85 ईरानी ठिकानों पर हमले किए। यह हमला पांच दिन पहले जॉर्डन-सीरियाई सीमा पर ड्रोन हमले में तीन सैनिकों की मौत के जवाब में हुआ था।
न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, अमेरिकी सेना ने एक बयान में कहा कि उसके युद्धक विमानों ने शनिवार सुबह ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) और इराक और सीरिया में उसके समर्थित मिलिशिया के 85 ठिकानों पर जवाबी हमले किए।
इस दौरान सात स्थानों (सीरिया में चार, इराक में तीन) पर रॉकेट दागे गए। नियंत्रण केंद्रों, मिसाइल प्रणालियों, मिसाइल और ड्रोन भंडारण सुविधाओं के साथ-साथ खुफिया ठिकानों पर भी हमला किया गया।
बाइडेन ने कहा: हम जवाब देना जारी रखेंगे। ( Biden said: We will continue to respond)
सीएनएन के मुताबिक, अमेरिकी हवाई हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने कहा, “अमेरिकी सेना इराक और सीरिया में उन ठिकानों को निशाना बना रही है जिनका इस्तेमाल आईआरजीसी और उसके समर्थित मिलिशिया अमेरिकी सेना पर हमला करने के लिए करेंगे।” हमने आज से जवाब देना शुरू कर दिया है. ये जारी रहेगा.
उन्होंने कहा: अमेरिका मध्य पूर्व या दुनिया में कहीं भी संघर्ष नहीं चाहता है. लेकिन जो कोई भी हमें नुकसान पहुंचाना चाहता है, उसे पता होना चाहिए कि अगर वे अमेरिकियों को नुकसान पहुंचाएंगे, तो हम जवाबी कार्रवाई करेंगे। वहीं, अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने कहा: यह तो सिर्फ शुरुआत है.
2 जनवरी को हमले का प्लान अप्रूव हुआ था ( The attack plan was approved on January 2)
28 जनवरी को जॉर्डन-सीरिया बॉर्डर पर बने अमेरिकी बेस- टावर 22 पर बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला हुआ था। इसमें 3 अमेरिकी सैनिक मारे गए थे और कई घायल हुए थे। इजराइल-हमास जंग के बीच ऐसा पहली था जब 3 अमेरिकी सैनिकों की मौत हुई।
अमेरिका ने इस हमले के पीछे ईरान के समर्थन वाले गुट को जिम्मेदार ठहराया था। तब से राष्ट्रपति जो बाइडेन और अन्य टॉप अमेरिकी नेता लगातार चेतावनी दे रहे थे कि अमेरिका मिलिशिया पर जवाबी हमला करेगा। इसके बाद 2 जनवरी को बाइडेन ने सीरिया और ईराक में बने ईरानी ठिकानों पर हमले का प्लान अप्रूव किया। 3 जनवरी की सुबह अमेरिकी सेना ने हमला कर दिया।
ईरानी धमकी के चलते अमेरिकी बेस पर हमला ( Attack on American base due to Iranian threat)
अमेरिकी बेस पर हमले से पहले ईरान ने इजरायल पर सीरिया की राजधानी दमिश्क में एक इमारत पर हमला करने का आरोप लगाया था. ईरानी मीडिया IRNA के मुताबिक 5 लोग मारे गए. मारे गए लोगों में चार ईरानी सैन्य सलाहकार और सीरिया में ईरानी सेना के शीर्ष खुफिया अधिकारी शामिल थे। इसके बाद ईरान को जवाबी कार्रवाई की धमकी दी गई।
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, इजरायल और हमास के बीच युद्ध मध्य पूर्व में फैलने लगा है। ईरान और अमेरिका सीधे लड़ने के बजाय सीरिया और इराक जैसे देशों से समर्थन स्वीकार कर रहे हैं। जो पहले से ही आतंक की चपेट में हैं. 7 अक्टूबर को इजराइल और हमास के बीच युद्ध शुरू होने के बाद से अमेरिका पर इराक और सीरिया में 140 से ज्यादा बार हमले हो चुके हैं.
इराक में अमेरिकी सैनिकों के घुसने पर पाबंदी 9 ( Ban on entry of American troops into Iraq)
इराक के प्रधानमंत्री अल सुदानी ने अपने देश में और अमेरिकी सैनिकों के घुसने पर पाबंदी लगा दी थी। सुदानी ने कहा था कि अमेरिकी सैनिकों को इराक से निकालने के लिए एक समय सीमा तय करने की जरूरत है।
दरअसल, सूदानी नहीं चाहते की ईरान और अमेरिका की दुश्मनी से उनके देश में कोई नई जंग छिड़ जाए। सुदानी ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को दिए इंटरव्यू में कहा था कि ये हमें बिल्कुल मंजूर नहीं है कि कुछ देश आपसी लड़ाई के बीच हमारी जमीन का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं।