
प्रदेश में आपदा राहत एवं पुनर्वास के कार्यों को गति देने में डबल इंजन का दम लगने के बाद अब सरकार और संगठन के लिए मिशन 2027 का मोर्चा खुलने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गत गुरुवार को उत्तराखंड दौरे के तुरंत बाद मुख्यमंत्री धामी की दिल्ली दौड़ को संगठन और मंत्रिमंडल में फेरबदल को हाईकमान के स्तर से अंतिम रूप देने की कवायद के रूप में देखा जा रहा है।
हालांकि, मंत्रिमंडल में होने वाले किसी भी बदलाव से पहले प्रदेश भाजपा की नई कार्यकारिणी आकार लेगी। नई कार्यकारिणी की घोषणा नवरात्र में हो सकती है। मुख्यमंत्री धामी और उनकी सरकार को वर्षाकाल के दौरान कई चुनौतियों से जूझना पड़ा है। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को निर्विघ्न एवं शांतिपूर्ण संपन्न कराने में जुटी सरकार की मुश्किलें आपदा की एक के बाद एक घटनाओं ने बढ़ाईं। उत्तरकाशी जिले के धराली के बाद चमोली जिले के थराली में जल प्रलय ने तबाही मचाई। पौड़ी, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर और पिथौरागढ़ के साथ कुछ अन्य जिले भी आपदा से प्रभावित हुए। आपदा राहत कार्यों के मोर्चे को संभालने के बाद अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी स्वयं उत्तराखंड आकर आपदा प्रभावित क्षेत्रों के जख्मों पर आर्थिक सहायता का मरहम लगा चुके हैं। पीड़ितों को भी उन्होंने ढाढस बंधाया। मोदी के दौरे के तुरंत बाद गत देर सायं मुख्यमंत्री धामी दिल्ली पहुंच गए। अब मुख्यमंत्री धामी के सामने पहला लक्ष्य विकास कार्यों को तेजी से संपन्न कराने का है, ताकि वर्षाकाल में हुए नुकसान से राज्य तेजी से उबर सके। मुख्यमंत्री को राहत देते हुए उनके मंत्रिमंडल में नये चेहरों को मौका देने की तैयारी है। साथ ही कुछ पुराने चेहरों को मंत्रिमंडल से हटाकर संगठन में दायित्व देने की चर्चा भी है। पार्टी हाईकमान वर्ष 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर सरकार और संगठन की महत्वपूर्ण टीम को अंतिम रूप दे रहा है। भाजपा प्रदेश संगठन की नई कार्यकारिणी से पहले तीन जिलों को छोड़कर शेष 16 सांगठनिक जिलों की कार्यकारिणी घोषित की जा चुकी हैं। इस बार संगठन में निचले स्तर से महिलाओं की भूमिका बढ़ाई गई है। प्रदेश कार्यकारिणी में इस भूमिका को और सशक्त किया जाएगा। साथ ही धामी मंत्रिमंडल में भी मातृशक्ति का प्रतिनिधित्व बढ़ सकता है।
चर्चा है कि नवरात्र में प्रदेश की नई कार्यकारिणी के साथ मंत्रिमंडल में फेरबदल और विस्तार किया जा सकता है। यद्यपि, पार्टी के भरोसेमंद सूत्रों का कहना है कि मंत्रिमंडल में परिवर्तन दीपावली या उसके बाद भी आकार ले सकता है।