
शासन ने स्थानांतरण सत्र 2025-26 में अनिवार्य स्थानांतरण के लिए अभी तक तय 10 से 15 प्रतिशत की अधिकतम सीमा को समाप्त कर दिया है। विभाग नए सत्र में अपने यहां उपलब्ध पदों के आधार पर स्थानांतरण कर सकेंगे।
दुर्गम क्षेत्र से सुगम क्षेत्र में उतने ही स्थानांतरण किए जाएंगे, जितने सुगम क्षेत्र से दुर्गम में होंगे। शासन ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। इसमें यह भी स्पष्ट किया गया है कि एकल अभिभावक और बलिदानियों की विधवा अनिवार्य स्थानांतरण व पदोन्नति के फलस्वरूप दुर्गम क्षेत्र में तैनाती के नियम के दायरे से बाहर रहेंगे।
अनिवार्य ट्रांसफर की सीमा समाप्त
प्रदेश में कार्मिकों के वार्षिक स्थानांतरण के लिए स्थानांतरण नीति-2017 प्रभावी है। इस नीति के अनुसार स्थानांतरण प्रक्रिया अप्रैल से शुरू होकर 10 जून तक चलती है। इस वर्ष स्थानांतरण को लेकर कार्मिक विभाग ने दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। इसमें स्पष्ट किया गया है कि स्थानांतरण किए जाने से पूर्व प्रतिस्थानी की व्यवस्था सुनिश्चित हो जाने के उपरांत ही संबंधित कार्मिक को स्थानांतरण आदेश जारी किया जाएगा। दुर्गम क्षेत्र से स्थानांतरित कार्मिक तभी कार्यमुक्त किया जाएगा, जब उसका प्रतिस्थानी कार्यभार ग्रहण करने के लिए कार्यस्थल पर उपस्थित हो जाए।
यह भी कहा गया है कि दांपत्य नीति में आने वाले कार्मिकों का स्थानांतरण करते समय वरिष्ठता, वेतनमान, दुर्गम में की गई सेवा एवं रिक्ति की उपलब्धता को भी ध्यान में रखा जाएगा। अनुरोध के आधार पर किए गए स्थानांतरण के मामलों में स्थानांतरण भत्ता देय नहीं होगा। अपर सचिव कार्मिक ललित मोहन रयाल द्वारा जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि सभी विभाग स्थानांतरण के लिए निर्धारित समय सारिणी का अनुपालन करेंगे।